Chhatrapati Shivaji Maharaj Jyanti – 2024 छत्रपति शिवाजी महाराज की जयंती पूरे देश मे 19 feb को मनाई जाती है | भारत के वीर सपूतो मे शिवाजी महाराज को कुछ लोग हिन्दू सम्राट कहते है तो कुछ लोग मराठा गौरव कहते है | छत्रपति शिवाजी महाराज सब धर्मो की इज्ज़त करते थे or बचपन मे वो अपनी उम्र के बच्चो के साथ unka सम्राट बनकर किला जीतने वाला खेल खेलते थे | ओर वह जब बड़े हुए तो उन्होने बोहोत से किले फतह करे | 19 feb को उनकी जयंती पूरा देश धूम धाम से मनाता है | prime minister modi जी ने भी अपने instagram पर पोस्ट डालते हुए celebrate करा है |
Chhatrapati Shivaji Maharaj
उनका जन्म 19 feb 1630 मे हुआ था | शिवाजी ने एक महान शासक थे बल्कि दयालु योद्धा भी थे | शिवाजी, शहाजी or उनकी माता जीजाबाई के पुत्र थे उनका जन्म स्थान पूने के पास स्तिथ शिव नहरी का दुर्ग है शिवाजी एक secular शासक थे | वह सभी धर्मो का समान रूप से सम्मान करते थे | वह जबरन धर्मान्त्र के सख्त खिलाफ थे उनकी सेना मे मुस्लिम बड़े पद्द पर मोजूद थे इभराहिम खान , or डोलत खान उनकी नोसेना के खास पदो पर थे |
छत्रपति शिवाजी महाराज से जुड़ी कुछ बाते |
सिद्धि इभरहिम उनकी सेना के टोप खानो का प्रमुख थे शिवाजी ने अपने सेना की तदात को 2 हज़ार से 10 हज़ार किया था भारतिए शासको मे वो पहले एसे थे जिसने नोसेना की एहमियत को समझा उन्होने सिंदूरगड़ or विजयदुर्ग मे अपने नोसेना के किले को तैयार किया उन्होने सिंदूरगड़ or vijaydurg मे अपनी नोसेना के किलो को रत्नागिरी मे उन्होने अपने जहाजो को सही करने के लिए दुर्ग तैयार किया था |
Chhatrapati Shivaji Maharaj की सेना |
उनकी सेना पहली एसी सेना थी जिसमे गुरिल्ला युद्ध को जमकर इस्तेमाल किया गया था | वह एक धार्मिक हिन्दू के साथ दूसरे धर्मो का भी सम्मान करते थे | वह संस्कृत or हिन्दू राजनीति परम्पराओ का विस्तार चाहते थे | उनकी अदालत मे पार्सि की जगह मराठी का इस्तेमाल किया जाने लगा |
british इतिहास कारो ने उन्हे लुटेरो की संज्ञा दी लेकिन दूसरे स्वाधीनता संग्राम मे उनकी भूमिका को महान हिन्दू शासक के रूप मे दिखाया गया है | शिवाजी ने मुग़लो के साथ अच्छे ताल्लुकात कायम कर रखे थे यहा तक की बीजापुरजीतने मे शिवाजी ने औरंगजेब की भी मदद की लेकिन शर्त यह थी की किले मराठा साम्राज्ये के तहत रहे | दोनों के बीच मार्च 1657 के बीच तलकी शुरू हो गयी or दोनों के बीच एसी कई लड़ाइयाँ हुई जिनका आपसी हल नहीं निकला |
छत्रपति शिवाजी महाराज न एक शानदार शासक थे बल्कि वह दयालु भी उतने ही थे जंग के दोरान वह महिलाओ को कोई नुकसान न पोहचा कर बल्कि इज्ज़त के साथ भेज देते थे ओर बच्चो के साथ भी अच्छा व्यवार रखते थे वह सब धरम की इज्ज़त करना बखूबी जानते थे or इसी वजह से हम देख सकते है की नोसेना के अंदर मुस्लिम सिपाइयों को बड़े बड़े बद्द हासिल हो रखे थे इससे यही पता चलता है की वह धर्म को लेकर भेदभाव नहीं करते थे |
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