Sam Bahadur आपने सुना ही होगा जहा हमारे वीर जवानो ने 93 हज़ार सिपाइयों को surrender करने पर मजबूर कर दिया था | ये भारत दुयारा पाकिस्तान पर दर्ज की गई इतिहास की सबसे बड़ी जीत थी | यू तो इस् जीत का सेहरा बहुत सारे वीर जवानो को जाता है लेकिन उस जीत का सेहरा अगर किसी एक बंदे को जाता है तो वो sam manekshaw है | जो की 1971 के दोरान भारतिए सेना के प्रमुख थे | sam manekshaw वो सिपाही थे जिनहोने अपनी ज़िंदगी मे वर्ल्ड वार से लेकर 1971 की जंग तक युद्ध लड़े लेकिन किसी भी लड़ाई मे उन्होने हार का सामना नहीं किया देश के पहले एसे सिपाही थे जो field marshal के बड़े पद से सम्मानित किया गया था |
sam manekshaw कोन थे ?
sam manekshaw का जन्म 3 april 1914 मे अमृतसर , पंजाब मे रहने वाले एक पार्सि परिवा र मे हुआ था |बचपन से ही उनका सपना अपने पापा की तरह dr बनना था इसके लिए उन्होने अपने पापा से बात करी की उनके बाहर विदेश मे जाकर पड़ना है लेकिन उनके पापा ने उन्हे बाहर जाने से माना कर दिया | इसके बाद उनका गुस्सा 7वे आसमान पर था इसी के चलते उन्होने सेना मे भर्ती होने का एकसां दे डाला ओर इस्स एकसां को पास करने के बाद साल 1932 मे उन्होने IMA (indian military academy) को join कर लिया |
sam manekshaw की सबसे खतरनाक लड़ाई ?
ये वो समय थे जब हमारा देश आज़ाद भी नहीं हुआ था or हमारी भारतिए सेना अंग्रेज़ो के लिए जंग लड़ा करती थी | यहा तक की हमारी सेना को british indian army कहा जाता था उसस समय | अब साल 1939 मे 2सरा world war चालू हुआ तब sam manekshaw indian army मे captain का पद हासिल कर चुके थे or वर्ल्ड वार मे ब्रिटिश सेना की तरफ से वो बहुत ही आहें भूमिका निभा रहे थे | साल 1942 के दोरान अपने सिपाहियो को जापान के खिलाफ लीड कर रहे थे तभी वह एक machine gun का शिकार हो गए उन्हे पेट मे भोत सारी गोलीय लग जाती है | ब्रिटिश आर्मी का divisinal commander उनसे इतना प्रभावित हुआ की वो उनके पास भाग कर आया ओर अपने military cross को उतार कर उनकी वर्दी मे लगा देता है |
लेकिन उसके बाद ही सिपाही उनको उठाकर वह से ले जाते है डॉ के पास डॉ उनकी हालत देख कर बोलते है की इंका बचना नमुंकिन है | ओर इसी के चलते जब डॉ sam manekshaw से पूछते है की ये आपके साथ क्या हुआ है तो उनका जवाब होता है की किसी कच्चार ने लात मार दी यह सुनकर dr के मूह पर भी हसी आ गयी ओर उनका इलाज करा पेट पर 9 गोलिया लाग्ने के बाद भी वह ज़िंदा बच गए |
sam manekshaw इंडिया vs पाकिस्तान |
1947 के बाद india or pakistan का विभाजन होने के बाद sam manekshaw को gorkha regiments पोस्ट कर दिया गया |
इंडिया or पाकिस्तान का युद्ध 3 dec 1971 के दिन शुरू हा जहा भारत का पलड़ा शुरू से ही उनपर हावी रहा | एक के बाद एक हमारी आर्मी आलतम मोर्चे को कब्जे मे ले लिया | हालाकी इस् युद्ध को काफी दिन बीत गए थे लेकिन sam manekshaw को ये बात समझ आ गयी थी की अगर ये युद्ध जादा दिन तक चला तो वो ये युद्ध हार जाएंगे इसलिए उन्होने ताकत के साथ ही अपना अकल का इस्तेमाल करके ये दिखने लगे की वह पाकिस्तान से हर field मे कितना जादा आगे है अब वो एसा इसलिए कर रहे थे की पाकिस्तान के सेनिक लड़ने से पहले ही मानसिक रूप से हार जाए ओर भारत के सामने surrender करदे or sam manekshaw की ये रणनीति वाकई मे काम कर गयी |
जिसके चलते 16 dec 1971 मे युद्ध शुरू होने के सिर्फ 93 दिन ही पाकिस्तान ने घुटने टेक दिये or बताया जाता की जब पाकिस्तान ने surrender करा जब उनकी तदात बहुत ही जादा थी उनके हतियार भी जादा थे लेकिन इनसब से कोई फर्क नही पड़ा वो पहले ही भारत को जीत दिला चुके थे | or ये कोई छोटी मोती जीत नहीं थी इस जीत के बाद पाकिस्तान को दो हिस्सों मे बाट दिया गया or एक नया देश bangladesh निकाल कर आया |
इस्स दिन के बाद से sam manekshaw हेरो बन्न गए |
94 साल की उम्र मे june 27,2008 को उन्होने दुनिया से अलविदा कहा |
sam manekshaw जी के ऊपर movie |
sam manekshaw जी के ऊपर एक bollywood movie भी बनी है जिसका नाम sam bahadur है | इस फिल्म मे लीड रोल मे vicky kaushal नज़र आ रहे है |
movie कलेक्शन
world wide के मामले मे ये मूवी 100 करोड़ पहले ही कमा चुकी थी ओर इंडिया मे भी इसने 100 करोड़ से जादा की कमाई कर ली है|
FAQ’S QUESTIONS
sam maneshaw क्यो प्रसिद्ध है ?
1971 के भारत पाकिस्तान युद्ध के दोरान भारतिए सेना के सेनाध्यक्ष थे |
प्रथम फील्ड मार्शल का नाम क्या है ?
sam manekshaw |
वर्तमान मे फील्ड मार्शल कोन है ?
कोंडडेरा एम।करियप्पा |
क्या sam bahadur एक सच्ची कहानी है ?
हाँ ये एक साची कहानी है|
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